विकलांगता क्या है ? विकलांगता के कितने प्रकार होते है ? दिव्यांग कार्ड कैसे बनेगा ? स्वावलंबन योजना क्या है ? 21 तरह की विकलांगता का विश्लेषण
आज के हमारे इस विशेष पोस्ट में हम आपको विकलांगता के 21 प्रकार , सरकार की तरफ से मिलने वाली सरकारी सुविधाए क्या होती है इसके बारे में सब कुत्च जानेगे | कई बार हमें जो विकलांगता है उसके बारे में या उसके प्रकार के बारे में नहीं मालूम होता , हम इस लेख के माध्यम से आप को Disability Types | UDID | Government Facilities इस विषय के बारे में समझाने की कोशिश करेंगे | कृपया हमारे साथ बने रहे |
विकलांगता क्या होती है?
सबसे पहले विकलांगता की क्या परिभाषा है इसे समजते है , तो ‘विकलांगता’ किसी बीमारी या कुपोषण के कारण किसी व्यक्ति या उसकी इंद्रियों के कार्य की हानि है।
विकलांगता के कितने प्रकार होते है ?
Disability Types | UDID | Government Facilities चलिए विकलांगता के प्रकारों के बारे में समजते है –
1. Blindness – अंध – अंधापन
2. Low-vision-अंशतः अंध (दृष्टि दो ष) – कम दृष्टि- आंशिक रूप से अंधा
3. Hearing Impairment (deaf and hard of hearing) – कर्णबधिर – श्रवण दोष (बधिर और सुनने में कठिन)
4.Speech and Language disability – वा चा दो ष – भाषण और भाषा विकलांगता
5. Loco-motor Disability- अस्थि व्यंग – लोको-मोटर विकलांगता
6.Mental Illness- मानसि क आजार – मानसिक रोग
7. Specific Learning Disabilities – अध्ययन अक्षमता – विशिष्ट सीखने की अक्षमता
8.Cerebral Palsy – सेरेब्रल पा लसी (मेंदूचा पक्षा घा त) – सेरेब्रल पाल्सी
9. Autism Spectrum Disorder – स्वमग्न – आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार
10. Multiple Disabilities including deaf-blindness – बहुवि कलांग – बहरा-अंधापन सहित कई विकलांगताएं
11. Leprosy Cured persons – कुष्ठरो ग – कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति
12. Dwarfism- बुटकेपणा – बौनावाद
14. Muscular Dystrophy -अविकसित मांसपेशी – बौद्धिक अक्षमता
15. Chronic Neurological conditions- मज्जा संस्थेचे तीव्र आजार – पुरानी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां
16. Multiple Sclerosis – मेंदूती ल चेता संस्था संबंधी आजार – सेरेब्रल कॉर्टेक्स के रोग
17. Thalassemia- रक्ता संबंधी कॅन्सर – ल्यूकेमिया
18. Hemophilia- रक्तवाहिन्या संबंधित आजार
19.Sickle Cell disease – रक्ता संबंधी रक्ता चे प्रमाण कमी – रक्त की मात्रा में कमी
20. Acid Attack victim – acid -हल्ला ग्रस्त पीडित – एसिड अटैक पीड़ित
21. Parkinson’s disease – कंपावत रोग – पार्किंसंस रोग
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विकलांगता के प्रकार –
1. अंधापन :- अंधत्व:-TB (Blindness)
अंधापन एक सामान्य तौर पर दिखने वाली दिव्यंगता का प्रकार है जोकि दृष्टि के पूर्ण अभाव का अर्थ है ।
- जन्म के समय आंखें बंद होना |
- आकस्मिक अंधापन या कृत्रिम अंधापन ।
2. आंशिक रूप से अंधा (निम्न- दृष्टि) – अंशत:अंध LV (Low– Vision)
दूर/निकट या कम दृष्टि वाले चश्मे के उपयोग से दोनों आंखों या एक आंख में दोष होने पर दृश्य हानि हो सकती है। जिसे हम आंशिक रूप से अंधापन कहते है
- निकट या दूर, कम दिखाई देने वाला या कभी-कभी अदृश्य दिखाई देना ।
- आंख में एक भेंगापन होना ।
3. श्रवण दोष – कर्णबधिरत्व (Hearing Impairment)
60 डेसीबल या इससे अधिक की आवाज को ना सुनाई देने वाले व्यक्ति को ‘बहरा व्यक्ति’ कहा जाता है।
- सुनने की क्षमता का अभाव
- बहरापन
- बहती नाक श्रवण दोष होना
- ईयरड्रम का फटना (कान का पड़दा फटना )
4. भाषण और भाषा विकलांगता – वाचा दोष (Speech and Language Disability)
हकलाना, शब्दों की विकृति, आगे-पीछे के शब्द का ना समजना इसे ‘पठन दोष’ कहते हैं। इसके कुत्च उदाहरण हम निचे दे रहे है
- हकलाना या जीभ का मोटा होना
- जीभ की नोक का अभाव
- हकलाना क्लेप्ट तालु
- तालू में छेद का होना
5. लोकोमोटर विकलांगता – अस्थिव्यंग (Locomotor Disability)
osteoporosis एक आंदोलन विकलांगता है। ऑस्टियोपोरोसिस वाले बच्चे वे बच्चे होते हैं जिनकी हड्डियां, जोड़ और मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती हैं। ऐसे बच्चों को हम ‘ऑस्टियोपोरोसिस चिल्ड्रन’ कहा जाता है।
- चलने में असमर्थता यह एक स्पष्ट विकलांगता है।
- इस तरह बच्चो को सभी स्वीकृत बच्चों की तरह शिक्षित किया जा सकता है।
- आउटडोर खेलों और हस्तशिल्प पर विशेष ध्यान देना होगा।
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6. मानसिक IIIness – मानसिक आजार (Mental IIIness)
असामान्य या अप्राकृतिक व्यवहार ऐसे एक रोग से ग्रस्त व्यक्ति ,
मानसिक रूप से अक्षम व्यक्तियोके उदाहरण –
- असामान्य या असामान्य व्यवहार |
- अपने आप से बात करना ।
- भय व्यक्त करना ।
- हमेशा चुप चुप रहना ।
7. अध्ययन अक्षम LD (Specific Learning Disability) (विशिष्ट सीखने की अक्षमता)
पढ़ना गणितीय संचालन कठिनाई लिखना यह लक्षणों के सूप में शुरवात होता है
- पढ़ाई में पिछड़ा होना
- समझने में कठिनाई होना
- आकलन करना मुश्किल होना
- विशिष्ट अध्यायों में कठिनाइयाँ
- विशेष रूप से पढ़ना
- लेखन और गणित में कठिनाइयाँ हैं।
- एक दर्पण छवि की तरह लिखना
- फिर से लिखना,
- संख्याओं की पहचान में भ्रम
- शब्दों को छान के पढ़ना
8. सीपी (सेरेब्रल पाल्सी) – मेंदूचा पक्षाघात CP(Cerebral Palsy)
मस्तिष्क पक्षाघात से ग्रसित एक ऐसा व्यक्ति है जिसे मस्तिष्क की विकास प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले आघात या फिर दुर्घटना के कारण शरीर के एक या एक से अधिक हिस्सों पर नियंत्रण खोने के कारण कई प्रकार की अक्षमताएं होती हैं। उसे CP कहा जाता है |
- हाथ और पैर के आंकड़े
- दौरा पड़ने पर मस्तिष्क शरीर को नियंत्रित नहीं करता
- गतिशीलता में कमी का होना
9. आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार – स्वमग्नता ASD (Autism Spectrum Disorder)
अपने ही ब्रह्मांड में खोये हुए रहना या खुद में ही मगन रहना । आत्म-अवशोषण मन की स्थिति या विकासात्मक विकार है।
- भाषाई कौशल का विकास नहीं होता है।
- उनकी अपनी भावनाएं और सपने ब्रह्मांड में खो जाते हैं। इसलिए इस चरण को ‘आत्म-अवशोषण’ कहा जाता है।
10. एकाधिक विकलांगता- बहुविकलांग MD (Multiple Disability including deaf एंड blindness)
एक से अधिक विकलांगता किसी व्यक्ति में होना । उदा. नीछे दिए गए है |
मनोभ्रंश
बहरापन
अंधापन आदि के साथ सेरेब्रल पाल्सी।
11. कुष्ठ से ठीक हुए व्यक्ति – कुष्ठरोग (Leprosy Cured Persons)
कुष्ठ रोग के कारण शरीर के अंगों की विकृति होती है। कुष्ठरोग भी विकलांगता का एक भाग है | हालाकि कुत्च लोग इसे नहीं मानते | पर आरोग्य विभाग द्वारा इसे विकलांगता की पैमाने पर रखा गया है |
- त्वचा पर निशान, पपड़ी, धब्बे होते हैं।
- हाथ, पैर, उंगलियां सुन्न हो जाती हैं।
कुष्ठ रोग से निपटने के लिए भारत सरकार और सभी राज्य ने मिलकर कदम उठाये है , इस बीमारी का इलाज संभव है |
12. बौनापन – बुटकेपणा (Dwarfism)
एक छोटे शरीर की ऊंचाई वाला वयस्क व्यक्ति 4 फीट 10 इंच या 147 सेमी से कम होता है तब उसे बौने पण की श्रेणी में रखा जाता है । शारीरिक गुणसूत्र वृद्धि और विकास अन्य बच्चों की तुलना में कम होता है। वैसे तो यह विकार बोहोत कम लोगो में पाया जाता है | इसे एक हेरिडेटरी विकलांगता के तौर पर ज्यादा देखा जाता है |
13. बौद्धिक अक्षमता – .बौद्धिक अक्षमता (Intellectual Disability)
इस व्यक्ति की बुद्धि का विकास बाधित होता है इसी कारण से ग्रसित व्यक्ति को सीखने की समस्याओं को हल करना मुश्किल हो जाता है।
- दैनिक कार्य, सामाजिक कार्य, दैनिक व्यवहार करना कठिन हो जाता है।
- पढ़ाई में दिक्कत होती है।
- व्यवहार संबंधी समस्याएं सामने आती हैं।
14. अविकसित मस्कुलर डिस्ट्रॉफी – अविकसित मांसपेशी (Muscular Dystrophy)
यह रोग किसी भी व्यक्ति की मांसपेशियों से जुड़ा होता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के शरीर के कुछ हिस्सों में, शरीर के कुछ हिस्सों में मांसपेशी फाइबर होता है। इसे ‘मस्कुलर डिस्ट्रो फीस’ कहा जाता है।
- मांसपेशियां अविकसित होना या रह जाना ।
- दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थ होना ।
- शरीर की गतिविधियों में धीमापन ।
15. पुरानी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां – मज्जासंस्थेचे तीव्र आजार (Chronic Neurological Conditions)
इसमें व्यक्ति को पुरानि न्यूरोलॉजिकल स्थितियोका सामना करना पड़ता है | जिससे रोज के काम में कठिनीयो का सामना करना पड़ता है |
- फिट आना
- तीव्र बुखार की शिकायत
- मस्तिष्कावरण शोथ
- मस्तिष्क का ट्यूमर
- भयानक सरदर्द का होना
- तंत्रिका तंत्र को नुकसान।
- हाइड्रो सिफलिस, असंतुलन।
16. मल्टीपल स्केलेरोसिस – मल्टीपल स्कलेरोसीस (Multiple Sclerosis)
यह विकार शरीर के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में संदेशवाहक तंत्रिकाओं की सुरक्षात्मक परत पर माइलिन के आघात के कारण होता है। माइलिन आघात मस्तिष्क से शरीर के अन्य भागों में संदेशों को प्रभावित करता है। नतीजतन, निम्नलिखित लक्षण विकसित होते हैं।
- अंगों की मांसपेशियों में जकड़न या कमजोरी की संवेदनाओं में परिवर्तन,
- मांसपेशियों को आराम मिलता है और सहनशक्ति कम हो जाती है।
- मलाशय और मूत्राशय के नियंत्रण में कमी और कार्य में कमी होना
- नेत्रश्लेष्मलाशोथ (निस्टागमस -) नेत्रश्लेष्मलाशोथ आंख के आसपास की मांसपेशियों के कार्य में परिवर्तन के कारण होता है।
17. थैलेसीमिया – थेलेसेमिया /कॅन्सर (Thalassemia)
- हीमोग्लोबिन की खून में कमी होती है।
- बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है ।
- यह एक अनुवांशिक रोग है। जो किसी को भी हो सकता है |
- बच्चों की रुकी हुई वृद्धि |
- शुष्क चेहरा (तेज की कमी)
- नहीं वजन नहीं बढ़ता।
- सांस लेने में दिक्कत होती है ।
- बार-बार बीमार होना।
18. हीमोफीलिया – हिमोफेलीया /अधिक रक्तस्त्राव (Hemophilia)
- यह एक वंशानुगत एनीमिया बीमारी है।
- यह रोग रक्त वाहिकाओं को नुकसान के कारण होता है।
- इसमें का खून बहना।
- घाव के कारण अधिक रक्तस्त्राव होना ।
- कभी-कभी रक्तस्राव बंद नहीं होता।
- बिना रुके ब्लीडिंग के कारण शरीर में सूजन आना। यह सब चीजे दिखती है |
19. सिकल सेल रोग – स्किल सेल डिसीज (Sickle Cell Disease)
- इसमें रक्तचाप की कमी ।
- एनीमिया के कारण शरीर के अंगों को नुकसान होना ।
- शरीर में कोशिकाओं का आकार C प्रकार का होता है।
- हीमोग्लोबिन का स्तर कम होना और अक्सर थकान महसूस होना।
20. एसिड अटैक पीड़िता – Acid हल्लाग्रस्त पिडीत (Acid attack victim)
इसे विकलागता की सूचि में देखनेसे आप चौक गए होंगे , पर हा यह एक समाज की घिनौनी सच्चाई है , इसे रोकने की आवश्यकता है इसमें सिड शरीर के जिस हिस्से पर तेजाब का हमला हुआ है, वह जले जैसा दिखता है। जिसे की विकलांगता की श्रेणी में रखा गया है |
- चेहरा, हाथ, पैर
- भज काला आंखों पर जलता है।
21. पार्किंसंस रोग – कंपवात रोग (Parkinsons disease)
पार्किंसंस रोग मस्तिष्क के एक क्षेत्र में कोशिकाओं की संख्या और कार्य में कमी के कारण होने वाली आम बीमारी है, जिसे मूल निग्रा कहा जाता है। मानव गति की चिकनाई, आकृति और स्वच्छता इसी एक अणु के कारण है।
- ए अणुओं (Vitamins) की कमी से रोगी का शरीर कांपने लगता है,
- आंदोलन को उत्तेजित करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- कँपकँपी के रोगी का वजन कम हो जाता है।
- कटिण तकनीकी प्रणालियों से संबंधित कठिनाइयाँ।
UDID क्या है ?
UDID मतलब Unique Disability ID जो की Department of Empowerment of Persons with Disabilities, Ministry of Social Justice & Empowerment, Government of India के द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है |
“विकलांग व्यक्तियों के लिए अद्वितीय आईडी” परियोजना को विकलांगों के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने और विकलांग प्रत्येक व्यक्ति को एक विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र जारी करने की दृष्टि से लागू किया जा रहा है। यह परियोजना न केवल पारदर्शिता, दक्षता और वितरण में आसानी को प्रोत्साहित करेगी। सरकार विकलांग व्यक्ति को लाभ देती है, लेकिन एकरूपता भी सुनिश्चित करती है। परियोजना कार्यान्वयन के पदानुक्रम के सभी स्तरों पर लाभार्थी की भौतिक और वित्तीय प्रगति की ट्रैकिंग को सुव्यवस्थित करने में भी मदद करेगी – ग्राम स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर से, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर। Disability Types | UDID | Government Facilities को CSC या सेतु सुविधा केंद्र के माध्यम से भारत सरकार ग्रामीण और शहरी स्तर पर चलती है
Swavlamban card क्या है ? स्वावलंबन कार्ड किसे कहते है ?
UDID card कोही स्वावलंबन card या योजना कहा जाता है | हम सभी लोग जानते हैं कि विकलांग लोगों को उनके जीवनकाल में बहुत कुछ सहन करना पड़ता है। इसीलिए विकलांग लोगों को खुशहाल तरीके से जीने में मदद करने के लिए, भारत सरकार ने भारत के हर स्तर पर UDID कार्ड की घोषणा की है। दिव्यांगजनों की पहचान अब “Swavlamban Card/ UDID Card” से होगी। इस कार्ड से दिव्यांगजन देश में कहीं भी किसी भी सरकारी योजना का फायदा उठा सकेंगे। दिव्यांगों को इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होता है । सभी प्रदेश सरकार की इस योजना को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जो की भारत सरकार के देख रेख में होता है ।
आज हमने इस आर्टिकल में What is a disability? | How many types of disability are there? | How to get a handicap card? | What is Swavalamban Scheme? Disability Types | UDID | Government Facilities इन सभी बातो बारीकी से विश्लेषण किया .अगर हमारा ये प्रयास आपको सही लगे तो कृपया हमे Comment section मे इसके बारे में जरूर बताये , साथ हि साथ आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो भी हमे जरूर बताये , हम आपका समाधान करने कि पुरी कोशीश हमारे किसी और लेख में करेंगे |धन्यवाद !