Crop Insurance Problem – PMFBY

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मुआवजा नहीं मिला ? जाने क्या करे ? कहा करे शिकायत दर्ज ?

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आज हम हमारे इस आर्टिकल में Crop Insurance Problem – PMFBY के बारे में विस्तार से जानेगे और अगर आपका प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना का पैसा बही तर्क नहीं मिला है तो आप क्या क्या कर सकते है उसके बारे में जानकारी देंगे 

 

Crop Insurance Problem – PMFBY – फसल बीमा

देखिये हालांकि महाराष्ट्र में 10 फसल बीमा कंपनियों ने सभी किसानों के खातों में एक एक करके धनराशि बांटना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक लगभग 84,000 किसानों ने बिमा कंपनियों के खिलाफ दावा दायर करने के बाद भी उन्हें राशि नहीं मिली है। आर्थिक संकट से जूझ रहे यही  किसान अब उग्र हो गए हैं और अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए तालुका कृषि कार्यालय के चक्कर पे चक्कर भी लगा रहे हैं.

किसान अब इस सबसे परेशां हो चूका है देख जाय तो अब किसान अपने गांव में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। किसान अब उसी ग्राम पंचायत कार्यालय या अपने नजदीक के कृषि अधिकारी के कार्यालय  में भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे जहां फसल बीमा आवेदन जमा किया जा रहा था।

फसल बिमा योजना के फॉर्म सेतु सुविधा केंद्र, महा ई सेवा केंद्र और CSC सेंटर पर भी भरे जाते है पर वाहां शिकायत नहीं दर्ज की जा सकती हडबडाहट की स्थिति में किसानों ने सेवा केंद्र पर अपनी शिकायत बतानेकी कोशिश में किसान और सेवा केंद्र आपस में उलझ पड़ने के मामले भी कही जगाहोपर देखने को मिले | बाद में सरकार ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी मुहैय्या करा दी |

लिकिन अब  महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है. हालांकि शिकायत दर्ज होने के बाद भी यह सवाल बना रहता है कि राशि कब मिलेगी।

 

Crop Insurance Problem – PMFBY फसल बीमा आवेदन की शिकायत :

जिन भी किसानों ने नुकसान की ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत की है, लेकिन खाते में अभी तक राशि जमा नहीं की गई है, उन्हें ग्राम पंचायत कार्यालय में ग्राम सेवक या शहरी विभाग में कृषि कार्यालय के पास शिकायत दर्ज करनी होगी।

फसल बीमा से भरी रसीद संख्या (Online receipt ), जेरोक्स, आधार कार्ड जेरोक्स, पिकपेरा, उन फसलों की सूची, जिनके लिए बीमा का भुगतान किया गया है, का उल्लेख करते हुए शिकायत की अर्जी सभी डाक्यूमेंट्स के सस्थ देनी है । इसलिए, ग्रामीण किसानों को अब तालुका कृषि कार्यालय या जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय में शिकायत करने की आवश्यकता नहीं होगी।

 

यह एक निर्णय के लिए नेतृत्व किया

किसानों की शिकायत है कि उनके फसल बीमा खातों में फसल बीमा जमा नहीं किया गया है, जो पिछले 10 दिनों से बढ़ रहा है। लेकिन, किसान को भी नहीं पता कि शिकायत कहां करें। इसके अलावा, किसानों को तालुका जाना पड़ता था और रब्बी या खरीप के मौसम के दौरान काम होने के बावजूद कृषि कार्यालय में शिकायत दर्ज करनी पड़ती थी।

महाराष्ट्र सरकार ने यहां किसानों की असुविधा और भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया है. पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई जिलों में शिकायतें बढ़ रही थीं। साथ ही यदि किसानों को आवेदन जमा करने में कोई कठिनाई होती है तो इस पर ग्राम सेवकों को निर्णय लेना होगा।

 

Crop Insurance Problem – PMFBY क्या है मुआवजा मिलने की प्रक्रिया ?

किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए तालुका स्तर से एक राज्य स्तरीय समिति भी नियुक्त की जाती है। तहसीलदार तालुका स्तरीय समिति का अध्यक्ष होता है और जिला स्तरीय समिति का अध्यक्ष कलेक्टर होता है। इसमें कृषि अधिकारी, बीमा प्रतिनिधि, किसान प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

समिति यह भी अध्ययन करेगी कि किसानों की शिकायतों का समाधान कैसे किया जा सकता है। यह किसकी गलती है? फसल बीमा निकालते समय ठीक ऐसा ही हुआ था। तालुका समिति तदनुसार निर्णय देती है। यदि किसान या बीमा कंपनी संतुष्ट नहीं है तो जिला स्तर या राज्य स्तरीय समिति हस्तक्षेप कर सकती है। हालांकि यह एक विकल्प नहीं है, बीमा कंपनी और किसानों को अदालत में न्याय मांगने का  बराबर अधिकार है।

 

फसल बीमा कैसे किसानों की मदद करता है?

फसल बीमा एक उपज-आधारित नीति(scheme) जिसे भारत सरकार द्वारा बनाया गया है , जिसका उद्देश्य उत्पादन की किसी भी समस्याओं के कारण होने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई करना है। यह चक्रवाती बारिश और वर्षा की कमी के कारण बुवाई से पहले और फसल के बाद के नुकसान को कवर करता है। इन नुकसानों से फसल की उपज में कमी आती है, जिससे किसानों की आय प्रभावित होती है। इसी आय को किसानों को सहायता रही के रूप में पहुचाने के लिए यह योजना बनाई गयी है|

 

फसल बीमा के क्या नुकसान हैं?

अब आप सोच में पद गए होंगे की सरकार ने यह योजना तो किसानों के भले के लिए ही बनाई तो इसमें भला क्या नुकसान हो सकता है , सम आप को समझाते है ,  इन योजनाओं के डिजाइन के साथ दो सबसे बड़ी समस्या यह है कि, सबसे पहले, बेहद गरीब किसानों से भी प्रीमियम का भुगतान करने की उम्मीद भारत सरकार द्वारा की जाती है। अगर किसान प्रीमियम का भगतान करेगा ही नहीं तो फसल भीमा योजना को वह लाभ ही नहीं उठा सकता|  दूसरा, अगर किसान कर्ज के चक्र में फंस जाता है और अपने कृषि ऋण पर चूक करता है – जिससे उसकी फसल बीमा योजना जुड़ी हुई है – उसकी पॉलिसी निष्क्रिय हो जाती है।

 

किन फसलों का कवरेज फसल बिमा योजना के तहत किया जाता है ?

  1. खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें)
  2. तिलहन
  3. वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी फसलें
  4. बारहमासी फसलों के अलावा, बारहमासी बागवानी फसले 

सीधे तौर से जिस फसल के लिए उपज अनुमान  मानक पद्धति उपलब्ध है उन ही फसलो को फसल बिमा योजना के अंतर्गत लाया गया है ।

 

भारत सरकार ने किसानों के लिए OPERATIONAL GUIDELINES Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) जारी की हुई है :

हम आपको यहाँ एक लिंक के माध्यम से भारत सरकार ने किसानों के हित में जो Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) चलाई जा रही है उसके मार्गदर्शक मानक याने योजना को कैसे लागु किया जाये इसके बाते में OPERATIONAL GUIDELINES जारी की हुई है  आईये उन्हें देखे –

यहाँ क्लिक कर के देखे PMFBY Operational Guidelines 

 

Crop Insurance Problem – PMFBY Call center number

नुकसान का आकलन करने की प्रक्रिया: किसान को 72 घंटे के अंदर नुकसान की सूचना PMFBY कॉल सेंटर नंबर 1800 266 0700 पर देनी है 

M.S. Central Building 3’rd floor, Pune 411 001
Email [email protected]
Kisan Call Center:1800-1801551, 1800 266 0700
Agri.Dept: 1800-2334000

 

मैं अपने Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) दावे की जांच कैसे करूं?

  1. सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाएं।
  2. ओपन वेबसाइट के बाद आप एक एप्लीकेशन स्टेटस का विकल्प चुनेंगे।
  3. अब रसीद संख्या और कैप्चा कोड दर्ज करें और स्थिति बटन की जांच करने के लिए हिट करें।
  4. अब अपनी स्क्रीन पर अपने आवेदन की स्थिति दिखाएं।

 

 

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